A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥

शिव को भस्म क्यों चढ़ाई जाती है, जानिए यहां भस्म आरती के राज

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

ताके तन नहीं रहै कलेशा ॥ धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे ।

मैना मातु की हवे दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥

अर्थ: हे प्रभु वैसे तो जगत के नातों में माता-पिता, भाई-बंधु, नाते-रिश्तेदार सब होते हैं, लेकिन विपदा पड़ने पर कोई भी साथ नहीं देता। हे स्वामी, बस आपकी ही आस है, आकर मेरे संकटों को हर लो। आपने सदा निर्धन को धन दिया है, जिसने जैसा फल चाहा, आपकी भक्ति से वैसा फल Shiv chaisa प्राप्त किया है। हम आपकी स्तुति, आपकी प्रार्थना किस विधि से करें अर्थात हम अज्ञानी है प्रभु, अगर आपकी पूजा करने में कोई चूक हुई हो तो हे स्वामी, हमें क्षमा कर देना।

धन निर्धन को देत सदा हीं। जो कोई जांचे सो फल पाहीं॥

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

श्रीरामचरितमानस धर्म संग्रह धर्म-संसार एकादशी

जय सन्तोषी मात अनूपम। शान्ति दायिनी रूप मनोरम॥ सुन्दर वरण चतुर्भुज रूपा। वेश मनोहर ललित अनुपा॥

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥

देवन सब मिलि तुमहिं जुहारी ॥ तुरत षडानन आप पठायउ shiv chalisa lyricsl

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

It can be believed that typical chanting of Shiva Chalisa with utmost devotion has the ability to get rid of all of the obstacles and challenges from a person’s life.

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